आज की तेज़-तर्रार दुनिया में, नींद की आदतें और उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। नीदरलैंड के लीडेन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के डॉ. जेरोन वैन डेर वेल्डे के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि देर से सोने और डायबिटीज के जोखिम के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है।
अध्ययन के मुख्य बिंदु
1. अध्ययन का उद्देश्य और प्रक्रिया:
- इस अध्ययन में 5,000 से अधिक लोगों के आंकड़ों को शामिल किया गया।
- उम्मीदवारों की औसत आयु 56 वर्ष थी।
- सभी से उनकी नींद की आदतों और नींद खुलने के पैटर्न संबंधी सवाल पूछे गए।
- लोगों का बीएमआई और बॉडी फैट के स्तर को भी मापा गया।
2. मुख्य निष्कर्ष:
- देर से सोने और सुबह देर तक सोने वालों में टाइप टू
डायबिटीज का खतरा 46 प्रतिशत अधिक पाया गया।
- उनका बीएमआई भी अधिक था, और मोटापा व आंत
और लिवर में फैट की अधिकता भी देखी गई।
- पोषण व व्यायाम जैसे जीवनशैली कारकों को नियंत्रित
करने के बाद भी, देर से सोने वालों में डायबिटीज का
खतरा अधिक पाया गया।
3. विशेषज्ञों की राय:
- नींद के शेड्यूल का मेटाबॉलिज्म पर बड़ा प्रभाव पड़ता
है।
- देर से सोने के कारण स्कैंडियन रिदम, जो इंसुलिन
संवेदनशीलता व ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को काबू रखती
है, पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
स्वस्थ नींद की आदतें अपनाने के सुझाव
1. नियमित नींद का समय:
- हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की आदत
डालें।
- सप्ताहांत में भी इस नियम का पालन करें।
2. आरामदायक नींद का वातावरण:
- सोने का कमरा शांत, अंधेरा और ठंडा रखें।
- आरामदायक गद्दे और तकिए का उपयोग करें।
3. सोने से पहले की दिनचर्या:
- सोने से पहले आरामदायक गतिविधियों में शामिल हों,
जैसे कि पढ़ना या ध्यान करना।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग कम करें, क्योंकि
उनकी नीली रोशनी नींद में बाधा डाल सकती है।
4. स्वस्थ जीवनशैली:
- नियमित व्यायाम करें, लेकिन सोने से ठीक पहले नहीं।
- संतुलित आहार लें और कैफीन व शराब का सेवन कम
करें।
स्वस्थ नींद की आदतें न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती हैं। देर से सोने की आदतें डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। इसलिए, स्वस्थ नींद की आदतें अपनाना और उन्हें बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
अतिरिक्त सुझाव
१. सोने से पहले हल्का खाना खाएं: भारी भोजन पचाने में समय लगता है, जिससे नींद में बाधा पड़ सकती है।
२. तनाव कम करें: तनाव नींद को प्रभावित कर सकता है। योग, ध्यान या गहरी सांस लेने जैसी तकनीकों का उपयोग करके तनाव को कम करें।
३. अपने डॉक्टर से बात करें: अगर आपको नींद न आने की समस्या है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।
याद रखें, अच्छी नींद एक स्वस्थ जीवन का आधार है।
नोट: यह लेख सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
आप को ये जानकारी कैसी लगी कमेंट बॉक्स में लिखें। धन्यवाद।